One Arranged Murder- Books short हिंदी में

Books short - one arrange murder

One Arranged Murder चेतन भगत द्वारा लिखी किताब जो 2020 में प्रकाशित हुई थी। यह चेतन भगत की बाक़ी किताबों की तरह love/romance वाली थीम पर नहीं है है । बल्कि इसका मेन थीम है क्राइम थ्रिलर यानी कि अपराध और उसकी जासूसी तथा जाँच पड़ताल। हालाँकि इस जाँच में दिल्ली पुलिस मौजूद है परंतु मुख्य भूमिका निभाते है दो अन्य किरदार। ये है केशव और सौरभ। दोनो IT कम्पनी में  नौकरी करने के साथ साथ पार्ट टाइम जासूस भी है।

पात्र-

इस कहानी One Arranged Murder  के मुख्य पात्र है केशव और सौरभ। दोनो बहुत ही अच्छे दोस्त है। एक ही कम्पनी में नौकरी करते है। और एक साथ Z डिटेक्टिव नाम की छोटी सी जाँच पड़ताल वाली एजेन्सी चलाते है। अन्य मुख्य पात्र है सौरभ की मंगेतर प्रेरणा, प्रेरणा के पिता रमेश मल्होत्रा, उसकी माँ और चचेरी बहन अंजलि।सौरभ और प्रेरणा की arrange marriage होने वाली है। कहानी यही से शुरू होती है।

कहानी से पहले (Pre Background) –

सौरभ की मंगेतर है प्रेरणा। जिसने अपना स्टार्ट अप बनाया है EATO नाम से। बहुत ही अच्छा चल रहा है।  निवेशक इसमें करोड़ों रुपए की फ़ंडिंग कर रहे है। प्रेरणा के पिता है रमेश मल्होत्रा जो बिज़नेस मैन है। रमेश मल्होत्रा का परिवार संयुक्त परिवार (joint family) है । पूरा परिवार दिल्ली के महँगे इलाक़े में तीन फ़्लोर के बंग्लो में रहता है। रमेश के भाई है आदित्य जो म्यूज़िशन है परंतु सफल नहीं। इनकी बहन, माँ, पत्नी, बेटा, और भांजी अंजलि इनके साथ ही रहते है। अंजलि रमेश मल्होत्रा की अमेरिका वाली बहन की बेटी है जो कुछ महीनो से दिल्ली में उनके साथ ही रहती है।

बाहर से देखने में ये काफ़ी खुशहाल परिवार है। परंतु अंदर बहुत सारे राज छिपे है। गहरे अंधकार के ऊपर ख़ुशहाली का चमकता आँख चुँधिया देने वाला प्रकाश।ये सारे राज कहानी आगे बढ़ने के साथ साथ खुलकर सामने आते है। कथानक के बैक ग्राउंड में है, दिल्ली की एक पॉश कॉलोनी, गिरता हुआ ऑटो सेक्टर, फ़ूड स्टार्ट अप, और मेट्रो ट्रेन।

Chetan bhagat
Chetan bhagat one arranged murder

कहानी One Arranged Murder की 

करवा चौथ की शाम है। प्रेरणा ने सौरभ के लिए करवा चौथ का व्रत रखा है। शादी से पहले ही। शाम को  8 बजे के आस पास चाँद निकलने के समय सौरभ प्रेरणा की छत पर आने वाला है चुपके से। घर के पिछले दरवाजे से होते हुए तीन मंज़िला छत के ऊपर। फिर सौरभ को देखकर प्रेरणा का व्रत टूटता। 

प्लान के हिसाब से सौरभ 8 बजे छत पर पहुँचता है। लेकिन प्रेरणा वहाँ नहीं थी। छत पर ही उसका दुपट्टा और पूजा की थाली बिखरी पड़ी थी। नीचे रोड से लोगों के चिल्लाने की आवाज़ें आ रही थी। उसने नीचे झाँक कर देखा। नीचे प्रेरणा गिरी पड़ी थी। चारों तरफ़ खून फैला हुआ था। प्रेरणा के प्राण निकल चुके थे। इतने में रमेश मल्होत्रा और कुछ लोग ऊपर आ गए। आते ही सबसे पहले शक की सुई सौरभ की तरफ़ मुड़ी।

घर में पुलिस आ चुकी थी। जो कि सौरभ को शक की नज़र से देख रही थी। सौरभ ने सफ़ाई में अपनी कुछ बातें पेश की। परंतु अब शक के घेरे में सौरभ के साथ साथ घर के सारे लोग आ चुके थे।प्रेरणा के पिता बोले कि उसका गिरना एक एक्सिडेंट था। वह चाह रहे थे कि केस को जल्दी से बंद कर दिया जाए। ताकि उनके परिवार को मीडिया और समाज में और ज़लालत ना झेलनी पड़े।

हालाँकि सौरभ उसके दोस्त केशव को पूरा भरोसा था कि उसकी मौत गिरने से नहीं हुई बल्कि उसकी हत्या हुई थी। पुलिस अपनी तरफ़ से केस बंद कर रही थी। लेकिन सौरभ और केशव ने केस  अपनी डिटेक्टिव जासूसी एजेन्सी की मदद से इस केस की  छान बीन और जासूसी प्रारम्भ कर दी।इस जासूसी में उनको नए नए सुराग हाथ लग रहे थे। जो बार बार हर एक अलग सदस्य की तरफ़ इशारा कर रहे थे। प्रेरणा का परिवार बार बार उन पर दबाव बना रहा था कि उनके परिवार के मामले में ना पड़े। परंतु सौरभ भी तो इस परिवार से जुड़ चुका था। वो हर क़ीमत पर अपने प्यार प्रेरणा को न्याय दिलाना चाह रहा था।

समाज में जो सबसे अच्छा परिवार नज़र आ रहा था। उसमें अब कई सारे छेद दिख रहे थे। इन सुराख़ों से वर्षों से छीपे रहस्य रिस रिस कर  सामने आ रहे थे। रीस्ते नाते जो दूर से बहुत खूबसूरत नज़र आ रहे थे। ध्यान से देखने में उनके अंदर जलन, ईर्ष्या और नफ़रत की दीवारें नज़र आ रही थी।  पर इन सबके बावजूद परिवार एक दूसरे से बंधा था। एक समय था जब सौरभ इस परिवार से जुड़ने के लिए उत्साहित था। परंतु उस परिवार में छुपे अंधेरो को देखकर उसे नफ़रत सी हो गई।

ख़ैर इन्ही सब चीजों से होते हुए केशव और सौरभ की जाँच धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। कुछ समय पुलिस अड़ंगा लगाती तो कुछ समय पर मदद करती।पर जाँच में अचानक एक ऐसा मोड़ आया कि सब कुछ पलट गया। और यह अचंभित करने वाली चीज़ क्या थी। उसके लिए आपको पूरा उपन्यास पढ़ेगा। यहाँ पर उसका उल्लेख करना उचित नहीं होगा।

किताब One Arranged Murder  पढ़ने लायक़ है। और कहानी इतनी तेज़ी से आगे चलती है कि आप इसे एक रीडिंग में खतम कर सकते है। क्राइम थ्रिलर की सिरीज़ में चेतन भगत की यह दूसरी किताब है।पहली थी the girl in room no. 105. चेतन भगत की और किताबों के बारे में जानने के लिए यहा क्लिक करे।

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