Illusions एक छोटी सी लगभग 150 पन्नो की किताब। सिलिकन वैली के entreprenuers के बीच बहुत ही लोकप्रिय। इसकी पहली प्रति 1977 के आसपास प्रकाशित हुई थी। कहानी है एक ऐसे चमत्कारी पुरुष की जो लोगों के बीच रहकर अपना चमत्कार नही दिखाना चाहता। बल्कि उनसे दूर भागना चाहता है। उसके अनुसार जो भी संसार में है, सब माया जाल है। इस माया जाल को हम अपने तरीक़े से मोड़ सकते है। इसमें जो परिवर्तन लाना चाहे ला सकते है। सबसे बड़ी शक्ति आपके अंदर ही है।
लेखक-
इस किताब के लेखक है रिचर्ड बाच। इनके द्वारा तेरह से अधिक किताबें लिखी गई है। कुछ अन्य प्रमुख किताबें है जैसे जॉनथन लिविंगस्टोन सीगल, A Gift of Wings etc.
एक उद्धरण (citation) किताब से –
मसीहा- “ एक आदमी भगवान से कहता है कि वो संसार के सारे दुःख दूर करना चाहता है, चाहे उसके लिए कितनी भी क़ीमत देनी पड़ी। फिर भगवान ने उसके कान में एक बात कही, जो उसे करना चाहिए। क्या उस आदमी को वो काम करना चाहिए जो भगवान ने उसके कान में बोली ?”
जनता, “ क्यू नही सरकार, ये तो हमारा सौभाग्य होना चाहिए कि हम उसके कहने पर चले, चाहे उसके लिए जो भी कष्ट उठाना पड़े, चाहे नरक में दर्द और दुःख भोगना पड़े, पर हमें भगवान का बोला हुआ करना चाहिए।”
मसीहा, “ क्या तुमको इससे मतलब नही है कि वो काम कितना मुश्किल हो सकता है।”
मसीहा, “ अच्छा उस आदमी की बाद छोड़ो, अगर वही बात भगवान तुमसे सीधे कहे तो क्या करोगे?”
जनता, “ भगवान की इच्छा पूरी करने के लिए अगर हमें शूली पर चढ़ा दिया जाए, चिता पर जला दिया जाए तो भी हमारा सौभाग्य होगा।”
मसीहा, “ तो सुनो भगवान ने क्या कहा था- I command that you be happy in the world, as long as you live. मैं तुमको आदेश देता हूँ कि जब तक तुम ज़िंदा रहोगे तब तक खुश रहोगे।” क्या ये कर पाओगे?
यह बात सुनते ही पूरी भीड़ में सन्नाटा छा गया।
किताब illusion की कहानी –
कहानी लगभग 1930 के आसपास की है। रिचर्ड जो अपनी दो सीट वाली जहाज़ उड़ाते है। एक शहर या जगह से दूसरे जगह पर अपना डेरा डालते रहते है। क्यू? ग्राहकों की तलाश में। कुछ दिनो के लिए एक बड़े खेत में अपना जहाज़ रोकते है। यात्रियों से पैसा लेकर उड़ान का अनुभव प्रदान करते रहते है।इससे उनका खर्चा पानी चलता रहता है।फिर कुछ दिनो बाद दूसरे जगह के लिए उड़ान भरते है। मतलब पूरी तरह से खाना बदोस ज़िंदगी।
इसी दौरान एक जगह इनकी मुलाक़ात डॉनल्ड सिमोगा से होती है। डॉनल्ड को देखकर रिचर्ड को एक अख़बार में छपी खबर याद आती है। डॉनल्ड वही आदमी है, जिसे लोग मसीहा मान कर उसको घेरने लगे थे । डॉनल्ड सिमोगा ने कुछ दिनो तक अपने अनुयायियों की मदद या ज्ञान दी। फिर अचानक वहा से ग़ायब हो गये। यही खबर अख़बार में छपी थी। हालाँकि रिचर्ड को डॉनल्ड पे बिल्कुल यक़ीन नही था। वो इन सब बातों को फ़ालतू मानता था। डॉनल्ड सिमोगा भी जहाज़ उड़ाता था। यात्रियों को सैर करवाता था।काफ़ी समय तक रिचर्ड और डॉनल्ड ने साथ साथ जहाज़ उड़ाया।
बहुत समय तक रिचर्ड ने ध्यान दिया कि वो कितनी आसानी से जहाज़ को कम जगह में लैंड करा रहा था। डॉनल्ड के जहाज़ पर पक्षी और किट पतंगो के टकराने के निसान भी नही होते थे। जहाँ रिचर्ड को दिन में कम से कम एक बार तेल डालने के लिए शहर जाना पड़ता, वही सिमोगा कभी भी अपने जहाज़ में तेल नही डलवाता था।
अब यहा से शुरू होती है रिचर्ड और सिमोगा की आपस की बात चीत जो इस किताब Illusions की आत्मा है। इसी बातचीत के दौरान रिचर्ड के हाथ सिमोगा की एक डायरी लगती है। जिसमें लिखा है कि एक मसीहा बनाने के लिए अलग अलग परिस्थितियों में क्या क्या काम करना चाहिए।
सिमोगा बताता है कि यह एक दुनिया थियेटर में दिखायी जाने वाली फ़िल्म की तरह है। जिसमें सारे ऐक्शन और पहलू पहले से ही डाले हुए होते है। सब कुछ illusion है। आप इस illusion को आप अपने सुविधा अनुसार तोड़ मरोड़ सकते हो। अगर आपको खुद पर विश्वास है तो। कोई भी इंसान बिना खुद की सहमति के suffer नही करता है। इस दुनिया में कुछ भी अच्छा और बुरा नही है। जो भी है आपके अंदर से आता है।जो किसी भी चीज़ को ख़ुशनुमा और दुखनुमा बना सकता है। एक ही प्रकार का मौसम कुछ लोगों के लिए ख़ुशनुमा होता है तो किसी के लिए मनहूस।
मेरा सुझाव:
इस किताब का सुझाव मिला एक podcast सुनते हुए। Podcast के होस्ट थे, Tim Ferris और गेस्ट नवल रविकान्त। Tim Ferris podcast और सिलिकन वैली की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। नवल रविकान्त एक अमेरिकन नागरिक है।जिन्होंने शुरू शुरू में अपने कई सारे स्टार्टप बनाए। कई बढ़िया कम्पनीज़ जैसे UBER और Twitter के शुरुआती निवेशको में से एक थे। आज वो अपना खुद का एक फंड चलाते है एंजल फंड के नाम से। जो दुनिया भर की स्टार्टप और कम्पनीज़ में इन्वेस्ट करती है।
मेरे हिसाब से यह किताब पढ़ने लायक़ है। और मुझे पूरी आशा है कि इसको पढ़ने के बाद आपके जीवन के प्रति सोच में ज़रूर बदलाव आएगा। और ये बदलाव सकारात्मक ही होगा।
आख़िरी लाइन- एक टेस्ट कि धरती पर आपका मिशन खतम हुआ है कि नही ?- अगर आप अभी भी ज़िंदा है तो नही।
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By-Shankr Ghazi
बहुत अच्छी प्रस्तुति। लेखनी दिनों दिन निखरती जा रही है।