समय मैं याद करता हूँ
समय मैं याद करता हूँ जिगर के उस तरावट को जो तुझको पीके मिलती थी कि जिससे प्यास बुझती थी जब तुम थे मेरे दरम्यां मेरी नस नस में बहते थे तुम मुझमें पिघलते थे कि जैसे बर्फ पानी में मुझी में घुलके रहते थे समय मैं याद करता हूँ मेरी ही उम्र के तुम …