Full Spectrum किताब भारत की तीनो सेनाओं के युद्ध के इतिहास की किताब है। इस Full Spectrum किताब में 1971 से 2020 तक के युद्धों के इतिहास को क्रमबद्ध किया गया है। यह किताब भारत पाकिस्तान 1971 युद्ध के बाद से शुरू होती है। और 2020 भारत चीन डोकलाम संघर्ष पर आकर खतम होती है। इस किताब में इन 1971 के बाद के युद्धों को अच्छे से विवेचित किया गया है। जहाँ पर तारीफ़ की बात है वहाँ तारीफ़ भी किया गया है , और जहाँ कमियाँ है वहाँ आलोचना भी की गई है। और उन बिंदुओ को highlight भी किया गया है, जहाँ से हम आगे की सीख ले सकते है। आइए देखते है इस full spectrum किताब book short को।
लेखक
इस Full Spectrum किताब के लेखक है अर्जुन सुब्रमनियम।जो की भारतीय वायु सेना में Air Marshal रह चुके है। यह उनके द्वारा युद्ध इतिहास ऋंखला में लिखी हुई दूसरी किताब है। पहली किताब है India’s Wars: A Military History,1947-71।
इस किताब को लिखने के लिए लेखक ने 100 से ज़्यादा लोग के साक्षात्कार लिए। जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस इतिहास के प्रमुख किरदार रहे है। हालाँकि युद्ध से सम्बंधित भारत के बहुत सारे दस्तावेज अभी भी गोपनीय रखे गए है। फिर भी पत्राचार, डायरी, गवाह, और कुछ उपलब्ध दस्तावेज़ो को आधार बनाकर इस किताब को लिखा गया। भारतीय सेना का सिर्फ़ गुणगान ही नहीं बल्कि जो ख़ामियाँ रह गई है उनकी तरफ़ उँगली भी उठाई गई है।
Full Spectrum किताब :
लेखक ने इस Full Spectrum किताब इस को 19 भाग में बाटा है। ये चैप्टर अलग अलग युद्धों के हिसाब से व्यवस्थित किए गए है। आइए देखते है ये चैप्टर कौन कौन से है। और उनके बारे में थोड़ा थोड़ा जानते भी है।
1- Chamaleon Wars (समय के साथ युद्ध का बदलता प्रारूप)- पहले युद्ध होते थे पारम्परिक तरीक़े से जहाँ पर दोनो देश की सेना आमने सामने आती हो। परंतु बदलते समय में भारत को विभिन्न प्रकार के युद्धों का सामना करना पड़ता है, जैसे क्षद्म युद्ध, कश्मीर का लिमिटेड युद्ध, हाइब्रिड युद्ध, घुसपैठ, इत्यादि। समय के साथ साथ इन युद्धों को अलग अलग जेनरेशन का नाम भी दिया गया है, 1st Generation war, 2nd, 3rd, 4th and 5th Generation war.
2- India’s Miitary Renaissance- (भारतीय मिलिट्री का पुनरोत्थान)- इस में चर्चा की गई है की 1970 के बाद भारत ने किस तरह से नए नए हथियार ख़रीदना चालू किया। और अपनी तीनो सेनाओं को ज़रूरी साज सज्जा उपलब्ध करवाई। इनमे प्रमुखता से थे वायु सेना के लड़ाकू विमान, नौ सेना के युद्ध पोत, थल सेना के लिए बोफ़ोर्स जैसी तोप और टैंक।
3- नागा विद्रोह- नागा विद्रोह जो अभी तक भारत में नासूर की तरह जमा हुआ है।उसकी उत्पत्ति किस तरह हुई। इसमें सेनाओं द्वारा तरह तरह के लिए गए मिशन के बारे में चर्चा है।
4- मिजो तनाव और नागा समस्या का और प्रबल होना।
6- ऑपरेशन ब्लू स्टार : स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से ख़ाली करने के लिए 1983 में ऑपरेशन ब्लू स्टार प्रारम्भ किया गया था। ये ऑपरेशन भारत की आर्मी ने सम्भाला था। इसमें दोनो तरफ़ से बहुत लोगों की जाने गई। स्वर्ण मंदिर को भी बहुत नुक़सान हुआ। इस ऑपरेशन की कमियाँ, खूबियाँ और इसमें शामिल सेना के अधिकारियों और उनकी सोच/रणनीति के बारे में विस्तार से बताया गया है।
7- सियाचिन : बर्फीला युद्ध क्षेत्र- सियाचिन क्षेत्र जो नक़्शे के मुताबिक़ दोनो देश अपना बता रहे थे। लेकिन दुर्गम जगह और ख़तरनाक क्षेत्र होने की वजह से कोई भी अपनी सेना नहीं लगाया। भारत को भनक लग गई थी कि पाकिस्तान इस जगह में अपनी सेना भेजना चाहता है। इसके लिए भारतीय सेना ने वायु सेना की मदद से बहुत सारे ऑपरेशन चलाए। ये ऑपरेशन 1984 में स्टार्ट हुए ऑपरेशन मेघदूत के साथ। और खत्म हुआ 1989 में ऑपरेशन आइबेक्स के साथ। इन कार्यों में सेना को दुश्मनो के हमले, अत्यंत कठिन मौसम और सेना के जवानो के बिगड़ते स्वास्थ्य का सामना करना पड़ा।
8- चीन का सामना- 1962 के बाद भारत ने किस तरह से अपने आपको चीन के सामने सीमा पर खड़ा किया। किस तरह से बहुत ही होनहार अधिकारियों ने अपनी सूझ बुझ से चीन को भारतीय सेना में घुसने से रोका। इसमें 1967 का चीन के साथ छोटा युद्ध के बारे में भी बताया गया है। किस तरह से भारतीय वायु सेना इसमें कदम से कदम मिलाकर थल सेना की मदद करती है।
9- श्रीलंका में शांति स्थापना हेतु हस्तक्षेप ( Peace Keeping in Sri Lanka): इसमें चर्चा है भारत के सेनाओं द्वारा श्री लंका में लिट्टे की ख़िलाफ़ 1987-90 किए गए ऑपरेशन की चर्चा की गई है।
10- तख्तापलट बचाने के लिए मॉल्डीव्ज़ में इंडिया द्वारा दख़ल।
12- जम्मू कश्मीर में सेना की कार्यवाही-
13- कारगिल युद्ध
14- इंडिया द्वारा यूनाइटेड नेशन्स के लिए कए गए मिशन
15-चीन के साथ सीमा पर उभरता तनाव – इस चैप्टर में हाल फ़िलहाल में चीन और भारत के बीच गलवान घाटी और लद्दाख में सीमा तनाव, उसका इतिहास, और भारतीय सेना द्वारा लिए गए ऐक्शन्स के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।
जो लोग भारत की मिलिट्री इतिहास में रूचि रखते है उनके लिए यह full spectrum किताब पढ़ने लायक़ है। बाक़ी इस किताब को इतिहास की दृष्टि से ही लिखा गया है। जो भी महत्वपूर्ण operations किए गए सेना द्वारा उसके बारे में विस्तार से वर्णन है। फ़ील्ड में युद्ध का वर्णन उतना नहीं है जितना पर्दे के पीछे क्या हुआ उसका उल्लेख है। कोई भी प्लानिंग करने और उसमें क्या क्या अवरोध आए, उसका अच्छे से विवरण है इस किताब में।
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