पीढ़िया उपन्यास का सार संक्षेप
इस उपन्यास पीढ़िया की शुरुआत होती है लगभग 1985- 86 में जब तक दिल्ली में सिख दंगे हो चुके है। पंजाब में आतंकवाद अपने चरम सीमा पर है। शाह बानो मामला और अयोध्या मंदिर का ताला खुलने के कारण हिंदू और मुस्लिम जनता में तना तनी का माहौल बना हुआ है। इन सबके परिपेक्ष में उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार प्रदेश के महान स्वतंत्रता सेनानी श्री जयंत टंडन जी की जन्म शताब्दी मनाने की तैयारी कर रही है।