Month: August 2020
पी वी नरशिम्हा राव और 1991-92 के आर्थिक सुधार
1947 से 1991 के बीच में कई सारे देशों ने अपनी अर्थ्व्यस्था को मिश्रित या सोशलिस्ट से धीरे धीरे पूंजीवाद की तरफ़ मोड़ना शुरू कर दिया। इन देशों को आज भी asian tigers के नाम से जाना जाता है जैसे की सिंगापुर, मलेसिया, वियतनाम और थाइलैंड इत्यादि । चीन जो कि कॉम्युनिस्ट देश है उसने भी अपनी सरकार तो कॉम्युनिस्ट रखी परंतु अपनी आर्थिक व्यस्था को पूरी तरह से पूंजीवाद में बदल दिया। इन देशों ने ये सब कदम 1965-75 के बीच में उठाए थे। इन देशों ने अपने देश के बाज़ार को बाहरी निवेश तथा समानो के लिए खोला, इंदुस्त्रीयल नितियो में बदलाव, मज़दूर क़ानून में ढील देना प्रारम्भ कर दिया । इससे बाहर की कम्पनीज़ से निवेश तथा कारख़ाने इन देशों में लगना शुरू हो गए। जिससे रोज़गार, टैक्सेशन और निर्यात का अवसर बहुत ही बढ़े स्तर पर बढ़ गया । भारत में भी आर्थिक सुधारो के लिए सुगबग़ाहट चलना प्रारम्भ हो गई। परंतु भारत में उस समय तक या कुछ हद तक आज भी आर्थिक सुधारो को गरीब विरोधी की तरह देखा जाता है । कोई भी सरकार कुछ इस दिशा में कोई कदम उठाती तो विपक्ष या वाम पंथ के अर्थ शास्त्री उन पर टूट पड़ते तथा जनता में उनका ग़लत रूप प्रस्तुत किया जाता। कोई भी सरकार 1991 तक इस दिशा में कोई सख़्त कदम नही उठा सकी । हालाँकि बीच बीच में छोटे मोटे निर्णय समय के हिसाब से लिए जा रहे थे परंतु वो सारे कदम नाकाफ़ी थे ।
new education policy 2020 नई शिक्षा निति 2020
अभी तक हमरी शिक्षा पद्धति उनलोगो को पुरष्कृत करती थी जो रटन्त विद्या में माहिर थे तथा रट्टू माध्यम से अधिक नंबर लाते थे परन्तु अब इस नयी निति में परीक्षाओ को आसान बनाया जायेगा जो आपकी याददास्त और रटंत विद्या नहीं बल्कि आपके core knowledge या कोर competency को टेस्ट करेगी. बोर्ड एग्जाम अब साल में एक बारे की बजाय दो बार कराये जायेंगे